वेताल पच्चीसी :- पच्चीसवा व्रतांत ( वेताल पच्चीस का अंतिम पाठ )
वेताल के कहने पर राजा विक्रमादित्य मुर्दे को लेकर योगी के द्वार पहुंचा। योगी राजा और मुर्दे को देखकर बहुत प्रसन्न हुआ। बोला, ‘हे...
वेताल के कहने पर राजा विक्रमादित्य मुर्दे को लेकर योगी के द्वार पहुंचा। योगी राजा और मुर्दे को देखकर बहुत प्रसन्न हुआ। बोला, ‘हे...
किसी नगर में मांडलिक नाम का राजा राज्य करता था। उसकी पत्नी का नाम चंडवती था। वह मालव देश के राजा की लड़की थी। उसके घर लावण्यवती ना...
कलिंग देश में शोभावती एक नगर है। उसमें राजा प्रद्युम्न राज्य करता था। उसी नगरी में एक ब्राह्मण रहता था, जिसके देवसोम नाम का बड...
कुसुमपुर नगर में एक राजा राज्य करता था। उसके नगर में एक ब्राह्मण था, जिसके चार बेटे थे। लड़कों के सयाने होने पर ब्राह्मण मर गया ...
विशाला नाम की नगरी में पद्मनाभ नाम का राजा राज्य करता था। उसी नगर में अर्थदत्त नाम का एक साहूकार रहता था। अर्थदत्त के अनंगमंजरी...
चित्रकूट नगर में एक राजा रहता था। एक दिन वह शिकार खेलने जंगल में गया। घूमते-घूमते वह रास्ता भूल गया और अकेला रह गया। थक कर वह एक प...
The Story of Two Swans ;- दो हंसों की कहानी मानसरोवर, आज जो चीन में स्थित है, कभी ठमानस-सरोवर' के नाम से विश्वविख्यात था और उसमें रह...
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