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    ग्यारहवीं पुतली :- त्रिलोचनी ( राजा विक्रमादित्य और देवताओं का आवाहन )

    मार्च 24, 2019 0

    ग्यारहवीं पुतली द्वारा कही कथा इस प्रकार है   विक्रमादित्य बहुत बड़े प्रजापालक थे। उन्हें हमेंशा अपनी प्रजा की सुख-समृद्धि की ह...

    दसवीं पुतली :- प्रभावती ( विक्रमादित्य और राजकुमारी का विवाह )

    मार्च 24, 2019 0

    दसवीं पुतली  - प्रभावती  की  इस प्रकार है एक बार राजा विक्रमादित्य शिकार खेलते-खेलते अपने सैनिकों की टोली से काफी आगे निकलकर ...

    नवीं पुतली :- मधुमालती ( विक्रमादित्य और प्रजा का हित )

    मार्च 22, 2019 0

    एक बार राजा विक्रमादित्य ने राज्य और प्रजा की सुख-समृद्धि के लिए एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया। कई दिनों तक यज्ञ चलता रहा। एक दिन...

    आठवीं पुतली :- पुष्पवती ( विक्रमादित्य और काठ का घोड़ा )

    मार्च 21, 2019 0

    आठवीं पुतली पुष्पवती की कथा इस प्रकार है- राजा विक्रमादित्य अद्भुत कला-पारखी थे। उन्हें श्रेष्ठ कलाकृतियों से अपने महल को सजान...

    सातवीं पुतली :- कौमुदी ( विक्रमादित्य और पिशाचिनी )

    मार्च 20, 2019 0

     एक दिन राजा विक्रमादित्य अपने शयन-कक्ष में सो रहे थे। अचानक उनकी नींद करुण-क्रन्दन सुनकर टूट गई। उन्होंने ध्यान लगाकर सुना तो र...

    छठी पुतली :- रविभामा ( विक्रमादित्य की परीक्षा )

    मार्च 19, 2019 0

    एक दिन विक्रमादित्य नदी के तट पर बने हुए अपने महल से प्राकृतिक सौन्दर्य को निहार रहे थे। बरसात का महीना था, इसलिए नदी उफन रही थी औ...

    पाँचवीं पुतली :- लीलावती ( विक्रमादित्य का दान )

    मार्च 18, 2019 0

    हमेशा की तरह एक दिन विक्रमादित्य अपने दरबार में राजकाज निबटा रहे थे तभी एक ब्राह्मण दरबार में आकर उनसे मिला। उसने उन्हें बताया कि उ...

    चौथी पुतली :- कामकंदला ( विक्रमादित्य की दानवीरता तथा त्याग की भावना )

    मार्च 17, 2019 0

    एक दिन राजा विक्रमादित्य दरबार को सम्बोधित कर रहे थे तभी किसी ने सूचना दी कि एक ब्राह्मण उनसे मिलना चाहता है। विक्रमादित्य ने कहा...

    तीसरी पुतली :- चन्द्रकला ( पुरुषार्थ और भाग्य में कौन बड़ा )

    मार्च 17, 2019 0

    एक बार पुरुषार्थ और भाग्य में इस बात पर ठन गई कि कौन बड़ा है। पुरुषार्थ कहता कि बगैर मेहनत के कुछ भी सम्भव नहीं है जबकि भाग्य का मा...

    दूसरी पुतली :- चित्रलेखा (राजा विक्रम और बेताल की कथा )

    मार्च 16, 2019 0

    एक दिन राजा विक्रमादित्य शिकार खेलते-खेलते एक ऊँचे पहाड़ पर आए। वहाँ उन्होंने देखा एक साधु तपस्या कर रहा है। साधु की तपस्या में ...

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