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    सेठ जी की युक्ति (Seth Ji's Tip) प्रेरणादायक कहानियां :-


    एक छोटे से कस्बे में एक सेठ रहता था । उसका एक बड़ा सा दुकान था , दिनभर दुकान के सामने सामान लेने वालों की कतार लगी रहती थी । इसलिए सेठ ने दो नौकर काम के लिए रख लिए । दोनों नौकर सुबह-सुबह ही दुकान आ जाते थे और देर रात तक दुकान में काम करते थे । सेठ दोनों नौकरों को बराबर मजदूरी देता था और सेठानी घर जाने के समय नौकरों को उनके बच्चों के लिए खाने – पीने का सामान दे देती थी । इस तरह कई दिन बीत गए सेठ को अपने दुकान की चीजें कम होती नजर आ रही थी , लेकिन दुकान के गल्ले में पैसा इतनी तेजी से नहीं बढ़ रहा था ।

    अब वे परेशान होने लगे उन्होंने यह बात अपनी पत्नी को बताई तो उसकी पत्नी ने भी कहा कि मुझे भी कुछ दिनों से यही महसूस हो रहा है , कि घर का सामान जल्दी-जल्दी खत्म हो रहा है । सेठ और सेठानी ने मामले की तहकीकात करने का निश्चय किया । सेठ और सेठानी एक-एक करके नौकरों के घर गए और उन्होंने उनके घरों की छानबीन की उन्हें एक नौकर के घर से दुकान के कुछ सामान दिखाई दिए । सेठानी ने सेठ को कहा कि उस नौकर को दुकान से निकाल दे , तो फिर सेठ सोचने लगे कि उस नौकर के छोटे-छोटे बच्चे हैं , उनका पालन पोषण कैसे होगा ? फिर अगर वह दूसरी जगह काम पर जाता है तो वह वहां भी चोरी करेगा ! उसको निकालने से काम नहीं बनेगा उसको कैसे सुधारा जाए और कैसे सच्चाई की राह पर लाया जाए इसके बारे में सोचना पड़ेगा ।

      सेठ ने दोनों नौकरों की मजदूरी बढ़ा दी , उनके बच्चों के लिए कपड़ा जूता और पढ़ाई लिखाई का खर्च भी दिया । तब सेठानी फिर से झगड़ा करने लगी कि , अपना सारा पैसा नौकर-चाकर पर लुटा दोगे तो , हमारे बच्चे क्या करेंगे , उनका भविष्य का क्या होगा , वह तो मर जाएंगे । तो उसने कहा कि नहीं सेठानी वह दोनों मेरे दुकान पर बड़ी मेहनत कर रहे हैं , उनके घर में अगर तंगी होगी तो उनका काम में मन नहीं लगेगा और भी गलत रास्ते पर चले जाएंगे उनको सुधारना मुझे बहुत जरूरी है , उनके सुधरने से हमें भी फायदा होगा । सेठ को अपने कार्य पर पूरा विश्वास था ।
      धीरे – धीरे दुकान में चोरी होना बंद हो गया और दोनों नौकर जी जान से , खुशी – खुशी काम करने लगे जिससे सेठ की आमदनी में भी बढ़ोत्तरी हुई ।
    शिक्षा : -- सेठ ने केवल अपने बारे में सोचा होता तो वह नौकर शायद कभी नहीं सुधरता , लेकिन सेठ जी की इस युक्ति से सभी का जीवन सुधर गया ।
     हर अपराधी को दंड देकर ही नहीं सुधारा जाता बल्कि क्षमा और प्रेम से भी सुधारा जा सकता है ।
     "अपने बहुमूल्य विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताये" 

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