मछली की चतुराई (Fish ingenuity) शिक्षाप्रद कहानी :-
तालाब में ढेर सारी मछलियां रहती थी । एक दिन अचानक वहां एक बगुला आ गया और उसने झटपट कई मछलियों को का शिकार कर लिया । यह देखकर मछलियों में हड़कंप मच गया । सारी मछलियां भयभीत हो गयीं ।
सारी मछलियां शाम को एकत्रित हुए और उस बगुले से छुटकारा पाने का उपाय सोचने लगी । तभी सुकन्या नाम की एक छोटी मछली ने कहा, ‘मेरे पास बगुले को भगाने का आईडिया है ।’ पूछने पर उसने अपनी योजना कह डाली ।
अगली सुबह जब बगुला खुशी से मछलियां खाने आया, तो सुकन्या उसके सामने आ गई । बगुला ने जैसे ही उसे खाने का प्रयास किया, तो वह बोली, ‘ठहरो, बगुला मामा । मुझे खाने से पहले मेरी बात सुन लो ।’ ‘क्या कहना है तुझे ?’ बगुला के पूछने पर सुकन्या बोली, ‘तुम मुझे खाकर जीवित नहीं रहोगे । वह देखो सभी मरी हुई मछलियां अब भी पानी में तैर रही हैं ।’
बगुला ने उस और देखा, तो उसे कई सारी मछलियां मरी हुई दिखाई दी । यह देखकर बगुले ने हैरानी से पूछा, ‘इन सब को क्या हो गया है?’ सुकन्या बोली, ‘कल एक सांप पानी पीने आया था । उससे मोटा कीड़ा समझ कर एक मछली ने उसे काट लिया ।
सांप ने गुस्से में अपना सारा जहर तालाब में उगल दिया । ताकि सारी मछलियां मर जाए । और हुआ भी ऐसा ही । अब तुम हमें खाओगे, तो तुम्हारा भी यही हाल होगा ।’ फिर सुकन्या ने कहा, ‘पर हमारे मरने के बाद तुम यहां जरूर आना बगुला मामा ।’ बगुला तिलमिलाकर बोला, ‘तू मुझे मुर्ख समझती है, जो मैं यहां अपनी जान गवाने आऊंगा ।’ यह कहकर बगुला उड़ गया । बगुले के जाते ही सारी मछलियों ने सुकन्या को उसकी चतुराई के लिए शाबाशी दी ।
"हमे शिक्षा मिलती है - कि बड़ी से बड़ी समस्या से भयभीत न हो कर उसका सूझ बूझ से मुकाबला करना चाहिए , जैसे कहानी में एक छोटी सी मछली ने अपनी सूझ बूझ से सभी की जान बचाई "
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