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    ईर्ष्या से सफलता नही मिलती (Jealousy does not bring success) प्रेरक कहानी


                           (Inspiring story)
    जब किसी के दिमाग में दूसरे के प्रति  Jealousy होती है तो वो व्यक्ति अपनी ही सफलता में बाधा पैदा करता है। मन में ईर्ष्या रखने से कोई व्यक्ति सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। इसी बात को एक प्रेरणादायक कहानी “ईर्ष्या और सफलता” के माध्यम से जानते हैं –

      "ईर्ष्या और सफलता - Jealousy and success"
    एक पार्क में एक व्यक्ति उदास बैठा हुआ था। तभी एक दूसरा व्यक्ति उसके पास आता है और कहता है ‘अरे मित्र सुनील तुम यहाँ  ? सुनील सामने वाले व्यक्ति को आश्चर्य के साथ देख थोड़ा सा मुस्कुराता है ‘अरे पवन तुम’ यहाँ इतने सालों बाद।

    पवन कहता है ‘हाँ मित्र बहुत सालों बाद मुलाकात हो रही है – एक माह पहले ही मैं दिल्ली शिफ्ट हुआ इससे  पहले में देहरादून में एक कंपनी में था, और सुनील तुम बताओ यहाँ इस तरह उदास क्यों बैठे हो ?

    सुनील कहता है “क्या बताऊ एक प्राइवेट जॉब में था, बॉस से कुछ अनबन होने से उसने मुझे निकाल दिया, अब जॉब मिलना भी बहुत मुश्किल है। कई जगह इंटरव्यू देकर आया पर कही सेलेक्ट नहीं हो पा रहा हूँ। इसलिए थका हुआ और परेशान हूँ।

    पवन कहता है ‘सुनील तुम परेशान मत हो। मैं अपने बॉस से बात करता हूँ। शायद हमारे यहाँ कोई Vacancy हैं। दोनों दोस्त बहुत दिनों बाद मिले थे, आपस में थोड़ी देर बात करने के बाद वो अपने अपने रास्ते चले जाते हैं।

    कुछ दिन बाद पवन सुनील को फ़ोन पर बताता है की उसने बॉस से बात कर ली है।  वह कल से कंपनी ज्वाइन कर ले। यह सुन सुनील बहुत खुश होता है और अपने दोस्त पवन को धन्यवाद देता है।

    दूसरे दिन सुनील कंपनी ज्वाइन कर लेता है। वो यह देख काफी खुश होता है कि वर्तमान जॉब पहले वाली जॉब से काफी बेहतर है। पवन उसके पास आता है उसे बधाई देता है और अपने केबिन में चला जाता है। बाद में उसे मालूम होता है की पवन इस कमपनी में सीनियर मैनेजर है और उसको पवन के अंडर काम करना होगा।

    एक तरफ सुनील अपनी इस नौकरी से खुश तो था  पर दूसरी तरफ उसे इस बात से ईर्ष्या ज्यादा हो रही  थी की वो अपने दोस्त के अंडर काम करेगा। वो अपने दोस्त की सफलता पर जल रहा था। उसने मन ही मन निर्णय लिया की वो जल्द ही उस जगह पर होगा जहाँ पवन है।


    अपने दोस्त की सफलता और कंपनी में उसकी रेपुटेशन देख सुनील ईर्ष्या में इतना जल रहा था की पवन की व्यस्तता के कारण उससे न मिल पाने को वो घमंड समझ रहा था। उसने सभी स्टाफ के  दिल में पवन के प्रति जहर घोलना शुरू कर दिया।

    जब पवन किसी भी स्टाफ को सख्त होकर समझाता उसके बाद सुनील उस स्टाफ को  भड़काने पहुंच जाता। धीरे धीरे लगभग सभी लोग सुनील की बातों में आ गये और बास से जाकर पवन की बुराई करते,और शिकायत करते।

    हालाँकि बॉस जानते थे की पवन बहुत जिम्मेदार व्यक्ति है पर सभी के द्वारा पवन के खिलाफ बोलने पर उन्होंने पवन को वार्निंग दी। पवन समझ नहीं पा रहा था की उसके साथ क्या हो रहा है। आगे भी यही चलता रहा और आखिरकार सुनील कि चाल रंग लायी। बॉस ने पवन को जॉब से निकाल दिया।

    इस बात से पवन थोड़ा  निराश तो था पर हार मानने वाला नहीं था।  उसने अपनी कंपनी शुरू करने का फैसला किया। कड़ी मेहनत अपने अनुभव, विश्वाश और ईमानदारी से पवन ने एक अच्छी खासी कंपनी बना ली और कुछ सालों में वो कंपनी उस कंपनी जहाँ वो काम करता था से भी बड़ी हो गई। पवन सफल व्यवसाइयों में गिना जाने लगा।

    उधर सुनील को उस नौकरी से भी निकल दिया गया। उसे कोई छोटी मोटी नौकरी भी नहीं मिल पा रही थी। नौकरी की तलाश में वो पवन की कंपनी में पहुंच गया। जहाँ पवन ने उसे देख लिया और उसके कहने पर सुनील को नौकरी दे दी गई। सुनील को यह बिलकुल नहीं मालूम था की इस कंपनी का बॉस पवन है।

    कुछ दिनों बाद सुनील को बताया गया की बॉस उससे मिलना चाहते है। सुनील थोडा घवराया हुआ बॉस के  केबिन में पंहुचा। जैसे ही उसने  पवन को बॉस के रूप में देखा उसके पैरों से जमी सरक गई। वो घवरा गया उसके मुँह से आवाज़ नहीं निकल रही थी।

    पवन ने बहुत शांत और मुस्कराहट के साथ सुनील को अंदर आने को कहा। कैसे हो मित्र सुनील, मैं बहुत समय से तुमसे मिलना चाह  रहा था क्योंकि मुझे तुहारा शुक्रिया कहना हैं , तुम्हारी  ईर्ष्या  के कारण ही मैं आज सफल हूँ। सुनील अपने किये पर बहुत पछता रहा था।

    दोस्तों ईर्ष्या से कभी भी सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती। हम जब भी किसी सफल व्यक्ति को देखें तो उससे प्रेरणा ले – मेहनत, ईमानदारी और विश्वास के साथ काम करें। जब जलन पैदा होती है तो हीन भावना पैदा होती जाती है और जब हीन भावना पैदा होती है तो सफलता कभी भी हांसिल नहीं होती।

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