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    जलपरी की कहानी (story of Mermaid) परियों की कहानियां :-


    रायपुर नामक राज्य में एक  राजा थे , उनकी दो पत्नियां थीं, बड़ी रानी कम सुन्दर और छोटी रानी अधिक सुन्दर थी।

    अधिक सुन्दर होने की वजह से राजा छोटी रानी से अधिक प्रेम करते थे और उसकी हर बात को मानते थे।  इसी बात का फायदा उठाते हुए छोटी रानी बड़ी रानी पर रॉब जमाती थी।

    एक दिन की बात है छोटी रानी ने राजा से बड़ी रानी की शिकायत कर दी और राजा ने छोटी रानी के सामने ही बड़ी रानी को बहुत डांटा।

    बड़ी रानी को यह बहुत बुरा लगा और वे रुष्ठ हो कर जंगल की तरफ चल दी।  एक नदी किनारे एक आम के पेड़ के नीचे वे जोर – जोर से रो रही थीं।  दोपहर का समय था।  तभी नदी में से एक जलपरी प्रकट हुई।

    उसने रानी से रोने का कारण पूछा, उसपर रानी ने सबकुछ बता दिया।
    तब जलपरी ने कहा, ” ठीक है ! अब मैं जैसा कहती हूँ वैसा करो।  इस नदी में तीन डुबकी लगाओ और फिर एक पका हुआ आम तोड़ो और उसे खाकर उसकी गुठली को तोड़ दो।  ” यह कह कर जलपरी गायब हो गयी।

    रानी ने ऐसा ही किया।  तीन डुबकी लगाते ही रानी अप्सरा जैसी सुन्दर हो गयीं।  उनके कपडे नए हो गए।  उसके बाद उन्होंने आम तोड़ा और उसे खा लिया।  उसके खाते ही उनके अंदर से खुशबू आने लगी और उसके बाद उन्होंने आम की गुठली को तोड़ दिया।  उसमें से तमाम सैनिक निकले और एक पालकी आयी और उसमें रानी को बिठाकर वे राजमहल ले गए।
    जब राजा ने बाहर शोरगुल सूना तो मंत्री से पुछा, ” बाहर क्या हो रहा है? इतना शोरगुल क्यों है ? ”

    मंत्री ने कहा, ” महाराज बड़ी रानी का जुलुस निकला है।  यह शोरगुल उसी का है।  ”  राजा को बड़ा आश्चर्य हुआ।  तब उन्होंने बड़ी रानी को बुलाया और पूरी कहानी सुनी और उसके बाद उन्होंने छोटी रानी को राज्य से निकाल दिया।

    छोटी रानी ने चुपके से पूरी बात सुन ली थी।  वह भी उसी नदी किनारे आम के पेड़ के पास आई और वहाँ रोने लगी।
    पहले की तरह फिर से जलपरी प्रकट हुई और उसे तीन बार डुबकी लगाने और फिर आम खाने और उसकी गुठली को तोड़ने की बात कहकर गायब हो गयी।

    उसके बाद छोटी रानी ने नदी  में तीन डुबकी लगाईं और  तीन डुबकी के बाद वह भी खुबसूरत लगने लगी।

    लेकिन उसने सोचा, ” अगर मैं तीन डुबकी से इतनी सुन्दर हूँ तो अगर चौथी डुबकी लगा लुंगी तो बड़ी रानी से सुन्दर हो जाउंगी और राजा मुझसे प्रेम करेंगे।  ” यह सोचकर उसने जैसे ही चौथी डुबकी लगाईं वह बदसूरत हो गयी और उसके कपडे फटे – पुराने हो गए।

    छोटी रानी बड़ी ही परेशान हो गयी।  उसने सोचा आम ख्गाने से जरुर कुछ फ़ायदा होगा।  उसने जैसे ही आम खाया उसका स्वाद एकदम कड़वा लगा और वह वहीँ बेहोश होकर गिर पड़ी और कुछ ही देर में उसकी मृत्यु हो गयी।

    शिक्षा :- इसीलिए कहा गया कभी दूसरों का बुरा नहीं सोचना चाहिए।  लोभ, इर्ष्या हमेशा ही घातक होता है।

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