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    कौओं की गिनती (Count of Crows):- अकबर बीरबल



    एक समय की बात है ! एक बार किसी दूसरे  राज्य से एक बहुत प्रसिद्ध विद्वान बादशाह अकबर  के दरबार में घूमने को आया। वह अकबर  के सामने आकर अभिवादन किया और कहा, “जहांपनाह! मैंने बीरबल की बुद्धिमता  के बारे में बहुत सुना है। दूरदराज क्षेत्रों के लोग अक्सर इनकी बुद्धि की बहुत प्रशंसा करते हैं। महाराज अगर आप की आज्ञा हो तो मैं इसकी प्रतिभा की परीक्षा लेना चाहता हूं।”

    अकबर ने बीरबल को बुलाया और उसका विद्वान व्यक्ति से परिचय करवाया। वहा आसपास ही बहुत सारे कोए घूम रहे थे ! उनको देखकर विद्वान ने कहा ! “मुझे बताओ कि तुम्हारे राज्य में कितने कौवे रहते हैं?”

    बीरबल ने आराम से प्रश्न सुना और कहा !  “मै आपको इसका जवाब कल दूंगा !”

    दरबार में हर कोई बीरबल  और उस विद्वान के बीच हुई बातचीत को सुनकर  हैरान था। बादशाह अकबर ने बीरबल  को अलग बुलाया और कहा, ”यह आदमी मुझे पागल नजर आता है। इस शहर में कितने कौवे रहते हैं, यह गिनती करना किसी भी व्यक्ति के लिए कैसे संभव है? तुम्हें सही जवाब जानने के लिए कुछ दिन ले लेने चाहिए थे। तुम एक दिन में उन सभी की गिनती करने में सक्षम नहीं हो।“

    बीरबल मुस्कराया और बोला, ”जहांपनाह! यह आदमी मुझसे अधिक चतुराई करने की कोशिश कर रहा है। किंतु आप चिंता नहीं करें। मै इसे सबक जरूर सिखाऊंगा !”

    अगले दिन बीरबल दरबार में पहुंचा। विद्वान पहले से ही वहां बैठा हुआ था। विद्वान ने कहा, “क्या तुम्हें जवाब मिल गया?”

    बीरबल  ने  कहा, “बेशक, इस शहर में निश्चित ही 56975 कौवे रहते हैं।”

    विद्वान यह जवाब सुनकर बहुत हैरान था। वह बोला, “आप इतने यकीन से कैसे कह सकते हैं?”

    बीरबल  अकबर  की ओर झुका और बोला, “जहांपनाह! मैंने इस शहर में रहने वाले सभी कौवों की गिनती कर ली है।”

    विद्वान बोला, “अगर इससे ज्यादा हुए तो?”

    बीरबल   बोला, “वे दूसरे राज्यों से आए हुए होंगे।”

    विद्वान फिर बोला, “अगर इससे कम हुए तो।”

    बीरबल  बोला, “वे दूसरे राज्यों में चले गए होंगे।”

    यदि किसी को भी मेरे सवाल में संदेह है, तो वह अपनी संतुष्टि के लिए गिनती कर सकता है।

    अकबर जोर से हंसा। विद्वान ने जब बीरबल का जवाब सुना !तो उसे अपने आप पर बहुत शर्म आई। वह उसी दिन उस शहर से इस निश्चय के साथ चला गया कि अब से वह किसी को भी चुनौती नहीं देगा।


    सीख :- दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है !कि हमारे सामने कितनी भी बड़ी समस्या क्यों न आजाये ! उसका समाधान हमारे आसपास ही मौजूद रहता है ! तथा हम चतुराई से अपने दिमाग का प्रयोग कर हर समस्या का हल निकाल सकते है !

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