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    परी रानी और बच्चे (Fairy queen and children) परियों की कहानीयां :-


    परीलोक में परियों की एक राजकुमारी थी।  वह छोटे बच्चों से बहुत प्यार करती थी।  एक दिन राजकुमारी ने तय किया कि बच्चों के स्कूल के सबसे स्वस्थ बच्चे को ढेर सारे तोहफे और वरदान देगी।

    राजकुमारी  अपने उड़नखटोले पर बैठ कर बच्चों के स्कूलों का निरिक्षण करने लगी। राजकुमारी ने देखा कुछ बच्चे सुन्दर, साफ़ – सुथरे कपडे पहने थे और स्वस्थ भी थे तो वहीँ कुछ बच्चे प्रभावशाली, फुर्तीले और निडर थे तो वहीँ कई सारे बच्चे गरीब और कमजोर थे।

    राजकुमारी बड़े ही असमंजस में पड़ गयी। उसने तय किया कि वह बच्चों का निरिक्षण और भी नजदीक से करेगी।  तब राजकुमारी परीलोक से उतर कर धरती पर आयी और सभी स्कूलों का नजदीक से निरिक्षण करने लगी।

    उसने देखा सभी बच्चे किसी ना किसी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या से जूझ रहे थे। किसी बच्चे के दाँतों में सड़न थी तो किसी की आँखों में चश्में लगे हुए थे।

    कुछ बच्चे हीमोग्लोबिन कमी से परेशान थे तो कई कैल्शियम की कमी से परेशान थे और उनके दांत कमजोर थे।  कुछ अधिक मोटे थे तो कुछ बहुत कमजोर थे।

    इससे राजकुमारी बहुत उदास हुई।  परियों ने इन सभी समस्यायों के मूल कारण को ढूंढने का फैसला किया।  जैसे ही मध्यान्ह भोजन की घंटी बजी राजकुमारी अदृश्य होकर दरवाजे के पीछे छिप गयी।

    उसने देखा कि बच्चे टिफिन में चॉकलेट, केक, ब्रॅडजेम, सैंडविच, मैगी, चाउमीन, बर्गर, समोसे, पिज़्ज़ा, बिस्कुट आदि खाने की चीजें लाये हुए थे।  राजकुमारी इससे बहुत चिंतित हुई।
    क्योंकि बच्चे ऐसे न तो पोषक तत्वों से भरे भोजन ले रहे थे और न ही उसमें संतुलित मात्रा में प्रोटीन और विटामिन थे।  उसके साथ ही इन खाद्य पदार्थों में  रासायनिक रंग, कृत्रिम रासायनिक संरक्षक व चटपटे मसालों को मिलाया जाता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होते हैं।

    राजकुमारी  की आँखों में आंसू आ गए।  उसने याद किया कि कुछ साल पहले जब वह सबसे तंदरुस्त बच्चे को तोहफा देने के लिए आयी थी तब उसने देखा था कि बच्चों के टिफिन में अंकुरित अनाज, चौकोर टुकड़ों में कटे खुशबूदार फल जैसे सेब, नाशपाती, पपीता, आम, केला, गाजर, मटर की सब्जी, रोटी, मटर पुलाव आदि खाने की चीजे थीं।

    ये सभी खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से भरपूर और प्राकृतिक रेशे से युक्त थे।  लेकिन इस बार बच्चों के बदले खानपान से वह परेशान थी। राजकुमारी ने सोचा इन बच्चों को स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों से घिरा छोड़ कर परीलोक वापिस कैसे जा सकती है ?

    तभी राजकुमारी ने जादुई छड़ी से खुद को एक शिक्षिका के रूप में बदल लिया और प्रिंसिपल से कहा कि वह बच्चों को पढ़ना चाहती है।  प्रिंसिपल ने हाँ कह दिया।

    राजकुमारी ने तय किया कि वह तब तक परीलोक नहीं जायेगी जब तक वह बच्चों को विकृत खान पान की आदतों को बदल नहीं देती।  राजकुमारी को मेहनत रंग लायी और बच्चे पुनः स्वस्थ भोजन लाने लगे और उसके बाद उसने सबको वरदान दिया और खूब सारे तोहफ़े  भी दिए।

    शिक्षा :-  बच्चों को हमेशा अच्छे और पौस्टिक खाद्य पदार्थ व पोषक तत्वों से भरपूर और प्राकृतिक रेशे से युक्त अंकुरित अनाज, चौकोर टुकड़ों में कटे खुशबूदार फल जैसे सेब, नाशपाती, पपीता, आम, केला, गाजर, मटर की सब्जी, रोटी, मटर पुलाव आदि खाने की चीजे दे ! 

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