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    काली परी और राजा (Black fairy and king) परियों की कहानियां :-


    एक राज्य में एक राजा राज करते थे. उनकी कोई संतान नहीं थी. राजा इस बात से बहुत ही परेशान रहते थे. तभी एक दिन उनके एक मंत्री ने जादुई परियों के बारे में बताया और उसके बाद राज्य की तेरह जादुई परियों को बुलाया गया.

    राजा ने उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया. इस पर जादुई परियों ने कहा ;- ” चिंता की कोई बात नहीं है महाराज, यह खीर रानी को खिला दीजिये और बहुत ही जल्द खुशखबरी आएगी”. खीर देकर जादुई परियां चली गयीं.

    राजा ने रानी को खीर खिला दिया और कुछ ही दिनों में रानी गर्भवती हो गयीं. पुरे राज्य में उत्सव का माहौल हो गया. कुछ दिनों के बाद रानी ने एक बहुत ही सुन्दर कन्या को जन्म दिया.

    राजा बहुत खुश हुए और पुरे राज्य बहुत सारे उपहार बांटे. उसके बाद सभी परियों को बुलावा भेजा गया, लेकिन एक परी के बाहर होने के कारण उस तक सूचना नहीं पहुँच सकी. वह परी काली परी थी. स्वभाव से वह बहुत ही घमंडी थी और थोड़ी सी बात पर रुष्ट हो जाती थी.

    बाकी सभी परियां एक एक करके उस कन्या को आशीष देने लगीं. उस कन्या का नाम रूबी रखा गया. जब परियां रूबी को आशीष देने जा रही थी तभी वहाँ काली परी आ गयी और चीखते हुए,
     बोली ;- कि यह मेरा अपमान है।
    आप सभी ने मेरा अपमान किया है। मैं इस कन्या को श्राप दूंगी, इस पर पुरे सभागृह में कोलाहल मच गया,
    सभी काली परी से शांत होने को कहने लगे, बाकी परियां भी उसको समझाने का प्रयास करने लगीं, लेकिन उसने किसी की बात नहीं मानी और कहा कि जिस दिन यह कन्या १८ वर्ष में प्रवेश करेगी ...

    इसकी मृत्यु हो जायेगी और उसके साथ ही राज्य के सभी लोग गहरी नींद में सो जायेंगे, इस खुबसूरत महल में अँधेरे का साम्राज्य हो जाएगा. क्योंकि पुरे राज्य और राज्य के लोगों के सामने मेरा अपमान हुआ है अतः इसका कष्ट सबको भुगतना होगा और यह कहकर काली परी वहा से जाने लगी तभी अन्य परियों ने उसे रोक लिया,

    अन्य परियों ने गुस्से में एक साथ बोला और उनकी आवाज पुरे महल में गूंजने लगीं ,
    उन्होंने कहा ”;- आज से हम काली परी का बहिष्कार करते हैं और उसकी सारी शक्तियों को हम वापस लेते हैं ।

    अब वह भी आम मनुष्यों के तरह इस श्राप को भुगतेगी. इसके साथ जिस दिन कोई राजकुमार सफ़ेद घोड़े पर सवार होकर आएगा और रूबी के हाथ को छुएगा उसी दिन यह श्राप पूरी तरह से मिट जाएगा ।

    हम श्राप को ख़त्म तो नहीं कर सकते लेकिन इतना कर सकते हैं कि इस महल को छोड़कर पुरे राज्य में उजाला रहेगा और रानी को छोड़कर बाकी सभी लोग गायब हो जायेंगे और जिस भी दिन कोई सफ़ेद घोड़े पर स्वर होकर आएगा, महल की कालिमा समाप्त होने लगेगी और साथ ही इस श्राप का भान अब राजा और रानी को छोड़कर राज्य के किसी भी सदस्य को नहीं रहेगा. ”

    उसके बाद सभी परियों ने मिल कर काली परी की शक्तियां छीन लीं और राज्य की जनता के विरोध के कारण उसे राज्य में कहीं जगह नहीं मिली तो उसने राज्य के मुख्य रास्ते के अंतिम छोर पर एक कुटिया बनाकर वहीँ रहने लगी, वह हर उस राजकुमार और राजा को गुमराह कर राज्य में जाने से रोकती जो सफ़ेद घोड़े पर सवार होता ।

    समय बितता गया,  रूबी एक बहुत ही सुन्दर युवती हो गयी थी, सभी लोग उससे खूब प्यार करते,  लेकिन रूबी को लेकर राजा रानी की चिंता बढती ही जाती थी,

    जैसे जैसे समय बितने लगा राजा रानी की चिंता भी बड़ी होती चली गयी और एक अचानक महल में अँधेरे का साम्राज्य हो गया. जो जहां था जिस अवस्था में था वहीँ सो गया. रूबी की मृत्यु हो गयी थी और उस दिन काली परी खूब ठहाके लगा कर हंसी,

    समय बितता गया, सारा नगर एक जंगल में तब्दील होने लगा. उधर मुख्य रास्ते पर बैठी काली परी प्रत्येक सफ़ेद घुड़सवार राजकुमार को दरकार वापस कर देती थी,

    एक दिन सफ़ेद घोड़े पर सवार एक मनुष्य उस तरफ से गुजरा, वह बहुत ही चिंता में था और बहुत तेजी से उस तरफ बढ़ रहा था. तभी उस काली परी ने उसे रोक लिया और उसे राज्य के बारे में तरह तरह की बाते बताकर डराने लगी.

    तब उस युवक ने कहा ;- मैं कोई राजा या राजकुमार नहीं हूँ और कुछ लोग मुझे मारने के लिए मेरे पीछे पड़े हुए हैं और इस जंगल से सुरक्षित जगह कोई और नहीं हो सकती, अगर दोनों तरफ मृत्यु है तो मैं इस जंगल को ही चुनूँगा. यह कह कर वह युवक राज्य की सीमा में दाखिल हो गया,

    बहुत दिनों से कोई इंसानी हरकत नहीं होने से जंगल काफी घना हो गया था. युवक तेजी से आगे बढ़ने लगा और उसके पीछे कुछ सिपाही उसे पकड़ने के लिए तेजी से आ रही थे. तभी युवक की नजर उस महल पर पड़ी,

    उसने देखा कि महल में अन्धेरा है. उसने सोचा कि पहले लगता है यहाँ कोई बड़ा नगर था, तभी तो इतना सुन्दर महल और चारो तरफ बहुत सारे घर हैं !

    लेकिन सिर्फ इस महल में ही क्यों अन्धेरा है, शायद बुढ़िया सही कह रही थी कि यह शापित महल है! वह सोच ही रहा था कि उसे घोड़ों के टापू की आवाज आई और वह बिना कुछ सोचे तेजी से महल में चला गया और महल में जाते ही महल में उजाला हो गया,

    वह डर गया, लेकिन उसके पास और कोई रास्ता नहीं था. वह आगे बढ़ने लगा, तभी उसकी नजर रूबी पर पड़ी, जो कि एक बेड सोई किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी.
    उसने डरती डरते रूबी का हाथ छुआ और यह क्या चमत्कार हो गया. रूबी ज़िंदा हो गयी. पुरे राज्य में हलचल होने लगी. सभी लोग जीवित हो गए.

    वह एक से आश्चर्यचकित होकर सबकुछ देखता रह गया. उसकी आँखे फटी की फटी रह गयी. उसे कुछ समझ ही नहीं आ रहा रहा था और वही हाल उसका पीछा करते हुए आये सैनिको का हो रहा था और वह काली परी गुस्से से अपने बाल नोच रही थी. तभी अन्य परियां और राजा रानी भी वहाँ आ गये. राजा ने रूबी को गले लगा लिया और युवक को संबोधित करते हुए बोले ” धन्यवाद राजकुमार “.

    राजकुमार मैं कोई राजकुमार नहीं हूँ…आपको कोई गलतफहमी हो रही है और यह सब क्या था, मुझे तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है…उस युवक ने एक साथ इतने सारे सवाल कर दिए

    तब एक परी ने यहाँ की सभी बाते बताते हुए कहा कि आप राजकुमार ही हैं और इसीलिए आपके पीछे कुछ सैनिक लगे हुए थे, जिन्हें इस राज्य के सैनिकों ने पकड़ लिया है और अब वे ही आपको सबकुछ बताएँगे और उसके बाद परी ने उन सिपाहियों को उपस्थित होने का आदेश दिया.

    सिपाहियों ने कहा कि यही सत्य है. आप राजकुमार हैं और जब आप छोटे थे तभी राजा स्काट ने आपके पिता राबर्ट और माता मोना को अपने मंत्री की शक्ति के कारण जेल में दाल दिया और उसमे आपके मामा कृष ने आपकी जान बचाते हुए वहा से भाग गए.

    लेकिन निर्दयी राजा ने उनका भी पीछा और तब आपके मामा ने एक नदी किनारे आपको छोड़कर वहाँ से निकल गए और उसके बाद राजा स्काट ने उन्हें बहुत यातना दी लेकिन उन्होंने इसका राज नहीं खोला.
    अब जब उन्हें पता चला कि आप एक किसान के घर हो तो उन्होंने आपको मरने के लिए हमें भेजा था,

    युवक यह बात सुनकर रोने लगा . तब राजा ने उसे गले लगाकर चुप कराया और उसका नाम पूछा.

    आर्यन मेरा नाम आर्यन है उस युवक ने जवाब दिया.

    आज से आप राजकुमार आर्यन कहलायेंगे और हम आपको आपका राज्य दिलाएंगे. बहुत दिन हो गया युद्ध किये हुए तलवारे भी खून की प्यासी हैं…राजा ने जोश से कहा

    परियां भी बोली ;- राजन हम परियां भी आपके इस न्याय युद्ध में भाग लेंगी और हमारी यह गुजारिस है कि युद्ध के पश्चात् राजकुमार आर्यन का राजकुमारी रूबी के साथ विवाह करा दिया जाये.

    जी क्यों नहीं यह तो और भी ख़ुशी की बात है और इस सिपाहियों को बंधन मुक्त कर इन्हें उनके राज्य भिजवा दिया जाए और उस दुष्ट राजा को यूद्ध की चेतावनी दी जाए और सेना की तैयारी हो हम कल सुबह आक्रमण करेंगे.


    बंदी सिपाहियों ने जब यह बात राजा स्काट को बतायी तो वह घमंडी, और भी क्रुद्ध हो गया और अगली सुबह दोनों ही सेनाये आमने सामने थीं. स्काट ने अपनी सेना में कुछ राक्षसों को भी शामिल किया था.

    बहुत ही भयंकर युद्ध हुआ. ५ दिनों तक युद्ध चला और स्काट को युद्ध हारना पड़ना और राजकुमार आर्यन के पक्ष से किसी की मृत्यु नहीं हुई क्योंकि परियां उन्हें फिर से जीवित कर देती थीं.

    युद्ध के बाद राजकुमार आर्यन के माता पिता को सम्मान के साथ लाया गया और उन्होंने राजकुमार का राजा के रूप में राज्याभिषेक किया और आर्यन तथा रूबी की शादी हो गयी और दोनों ही राज्य खुशहाली से रहने लगे.

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